VEDA VIPASHA
UGC APPROVED | ISSN 2348-7828
(वेद - विपाशा)
A MULTI DISCIPLINARY PEER REVIEWED RESEARCH JOURNAL
CHIEF EDITOR
Prof. Satyam Kumari
Director, Vedavyas Campus, Central Sanskrit University,
Balahar, Kangra, Himachal Pradesh - 177108
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Central Sanskrit University,
Vedavyas Campus,
Balahar, Kangra, H.P. - 177108
PRINTED VOLUMES
प्रकाशित शोध पत्रों का विवरण
क्र. | शीर्षक का नाम | लेखक का नाम |
---|---|---|
1 | व्यञ्जना अनुमानं च | आचार्यः जी. यस्. आर. कृष्णमूर्तिः |
2 | अद्वैततत्त्वानुगुण्यानि ब्रह्मसूत्राणि | डॉ. भगवान सामन्तरायः |
3 | वोपदेवस्य व्याकरणं प्रति योगदानम् | डॉ. महेन्द्र |
4 | संस्कृतेन विश्वकल्याणम् | डॉ. गणेश शंकर विद्यार्थी |
5 | ब्रह्मणो जगत्कारणत्वम् | डॉ. वासुमोहनः |
6 | क्षेत्रज्ञं चापि मां विद्धि | डॉ. के. श्री समीरजा |
7 | पाण्डुग्रन्थानां सम्पादने व्याकरणशास्त्रास्योपयोगिता | डॉ. सच्चिदानन्दस्नेही |
8 | संस्कृतसाहित्ये संगीतकला | श्री अमित शर्मा |
9 | ज्योतिषशिक्षणे ह्यूरिस्टिकविधेः अनुप्रयोगः | डॉ. मुकेश शर्मा |
10 | संस्कृतवाङ्गमये अष्टांगायुर्वेदस्य स्वरुपं महत्त्वं च | सुश्री चन्द्रिका |
11 | स्मृतिवाङ्गमये दायभागविमर्शः | श्री अंकुशकुमारः |
12 | पुराणेषु सृष्टिविज्ञानम् | श्री बृजेशचन्द्र उपाध्यायः |
13 | उत्तररामचरिते वर्णितानां वनस्पतीनामौषधीयं महत्त्वम् | श्री मूलराजः |
14 | प्राच्यपाश्चात्यदृशा शब्दस्य नित्यानित्यत्वविमर्शः | श्री परमानन्दः |
15 | संस्कृतविज्ञाननयोः अन्तः सम्बन्धः | श्री रजत गौतमः |
16 | रावणार्जुनीयमहाकाव्यस्य दशमसर्गे व्याकरणम् | श्री मुनीश कुमारः |
17 | नव्यवैयाकरणानामभिमतं धात्त्वर्थविचारः | श्री मनोज |
18 | युंगमहोदयानुसारं व्यक्तित्वस्य प्रकाराः | सुश्री रेखा कुमारी |
19 | चतुर्थी विभक्तिः | डॉ. एन्. वी. सुब्रह्मण्यम् |
20 | व्याकरणशास्त्रपरम्परायां महाकविभूमभट्टस्य योगदानम् | श्री मनोज |
21 | व्याकरणे करणलक्षणम् | श्री नीरज शर्मा |
22 | शम्भलीमतकाव्ये अलङ्कारयोजना | श्रीमती पुष्पा देवी |
23 | वास्तुशास्त्रसमीक्षणम् | डॉ. मनोज श्रीमाल |
24 | आचार्यरेवाप्रसादद्विवेदिप्रणीते उत्तरसीताचरितमहाकाव्ये सूक्तिसौन्दर्यम् | श्री श्याम बाबू |
25 | भारतीयाध्ययनसमयः | डॉ. ई. वेङ्कटेश्वर्लु |
26 | सम्प्रेषणम् | डॉ. बी. वी. लक्ष्मीनारायणः |
27 | संस्कारविवेकः | श्री के. बी. सी. एम्. श्रीनिवास शर्मा |
28 | महाभारते स्त्रीशिक्षा | श्री दिनेशकुमारः |
29 | शब्दशास्त्रस्य सर्वशास्त्रोपकारकत्वविमर्शः | डॉ. देवनाथ पाल |
30 | पाणिनीयपरिभाषासूत्राणां एवञ्च परिभाषेन्दुस्थपरिभाषाणां भेदः | श्री मनीषशर्मा |
31 | भाषाशिक्षणे प्रतिरुपणसिद्धन्तः | डॉ. सो. ल. सीतारामशर्मा |
32 | कर्मणः विवेचनम् | श्री विपिनकुमारः |
33 | वैदिकदर्शनेष्वात्मस्वरुपविमर्शः | डॉ. संदीपशर्मा |
34 | विद्यालयरुपेण ब्रह्मचर्याश्रमाः | डॉ. ई. वेङ्कटेश्वर्लु |
35 | पं. सुन्दरलालशर्मणः छत्तीसगढीपद्मकाव्येषु रसानां प्रभावः | श्री रुपेन्द्रकुमार तिवारी |
36 | संस्कृतसाहित्ये काव्योद्भवः कृष्णकाव्यपरम्परा च | डॉ. सेवकरामशास्त्री |
37 | भारतीय संस्कृति में काशीः एक अध्ययन | डॉ. धनञ्जय वासुदेव द्विवेदी |
38 | चित्तवृत्ति विमर्श | सुश्री स्वीटी रानी |
39 | बिलासपुर मण्डल की पर्वतीय भाषा का समीक्षण | सुश्री गायत्री शर्मा |
40 | व्याकरण शास्त्र में पञ्चसन्धि | डॉ. अनिता भार्गव |
41 | योगदर्शन का नैतिक एवं सामाजिक पक्ष-वर्तमान भारतीय सामाजिक परिप्रेक्ष्य में | सुश्री मीनाक्षी जोशी |
42 | अनर्घराघव वर्णित धर्म एवं सम्प्रदाय | श्री कर्ण शर्मा |
43 | प्राचीन भारत का शिक्षा-तन्त्र | श्री राजेश कुमार |
44 | आधुनिक संस्कृत नाट्य साहित्य में वर्णित लिङ्ग भेद की समस्या | डॉ. सन्ध्या मिश्रा |
45 | महर्षि पतंजलि द्वारा प्रतिपादित योग एवं नियम का स्वरुप | डॉ. रवि कुमार शास्त्री |
46 | कालिकापुराण का राजनीतिक एवं प्रशानिक विश्लेषण | डॉ. विवेकशर्मा |
47 | श्रीरामचरितमानस और जनमानस | श्री पीयूष कुमार त्रिपाठी |
48 | संस्कृतकाव्यशास्त्र में अलङ्कार( व्युपत्ति-विकास-काव्यशास्त्र में स्थान) | सुश्री मनुबाला |
49 | महर्षि चरक की दृष्टि में योग का स्वरूप | श्री वेदप्रकाश आर्य |
50 | हितोपदेश | श्री राजिन्द्र कुमार |
51 | ईशावास्योपनिषद् में शान्ति शिक्षा | श्री कपिल शर्मा |
52 | गायत्री साधना का महत्त्व | श्री ललित कुमार शर्मा |
53 | पुराणों में भारत | श्री तिलक राज |
54 | The Concept of Lord Macaulay in the growth of Modern Indian Education | Dr. Ram Narayan Thakur |
55 | The Complete History of Computer | Sh.Amit Walia |
56 | Purusha Sukta- The Hymn of Thermodynamics | Sh. Mahesh |
57 | Money is Not Everything | Sh. Rajinder Kumar |
प्रकाशित शोध पत्रों का विवरण
क्र. | शीर्षक का नाम | लेखक का नाम |
---|---|---|
1 | पञ्चमी साहित्यविद्येति यायावरीयः | डॉ निरञ्जनमिश्रः |
2 | अद्वैतमते व्यावहारिकविचारः | डां भगवान सामन्तरायः |
3 | नैयायिकाभिमततत्पुरुषसमासशतिनिराकरणविचारः | डॉ. आर्. बालमुरुगः |
4 | वैदिकशब्दानां द्वैवियम् | डॉ रणजीतकुमारः |
5 | लोकन्यायमूलकानामलङ्काराणां समालोचनात्मकमध्ययनम् | सुश्री डॉ सविता |
6 | कविकल्पद्रुमे धात्वर्थस्य वैशिष्ट्यम् | डॉ महेन्द्र कुमारः |
7 | भारतस्य प्रतिष्ठायां तदीयाध्यात्मिकसंस्कृतेर्भूमिका | डॉ पियाली पाल |
8 | वाल्मीकिरामायणे मोक्षाधिकारियोग्यतागुणधर्माः | डॉ मंजुनाथ एस जी |
9 | स्फोटनिरूपणम् | निशि बाला |
10 | ब्रह्मपुराणे मोक्षस्यावधारणा | तरणिकुमारपण्डा |
11 | रसो वै सः | अमियकृष्णमिश्रः |
12 | कर्तुरीप्सिततमं कर्म | आनन्द पाण्ड्या |
13 | अद्वैतवेदान्ते ब्रह्मविचारः | राजेशकुमारः |
14 | अद्वैतवेदान्तनये मोक्षसाधनम् | राजन मिश्र |
15 | कालिदासीयप्रबन्धेषु नारीणां धर्माचरणम् | सौरभ दूबे |
16 | जानकीहरणमहाकाव्ये यमकालङ्कारस्य सुप्रयोगः | रविकुमारः |
17 | काव्यकारणविवेचनसन्दर्भे काव्यप्रकाशालङ्कारमहोदधिग्रन्थयोः सिद्धान्तमीमांसा | डॉ राधावल्लभशर्मा |
18 | भारतीयदर्शनेषु व्यक्तित्वस्य संकल्पना | नेहा श्रीवास्तव |
19 | गादी उपभाषायां ध्वनिपरिवर्तनम् | मनोजकुमारः |
20 | गीतायां सांवेगिकपरिपक्वतायाः शिक्षा | डॉ पुरुषोत्तमः |
21 | श्रीबालगंगाधरमहोदयानुसारं श्रीमद्भगवद्गीतायां कर्मसिद्धान्तः | सुश्री के मनोज्ञा |
22 | स्वरितस्वरे उदात्तानुदात्तांशविचारः कम्पविचारश्च | डॉ रवीन्द्रकुमारः |
23 | बहुगुणवतुडति संख्या इति सूत्रे संख्याविचारः | सुश्री राधा शर्मा |
24 | संहितोक्तभूगर्भजलशिराज्ञानम् | श्री सुशान्तकुमारः |
25 | हिमाचले साञ्चाज्योतिषम् | श्री तिलकराजः |
26 | जातकग्रन्थेषु लग्नफलविचारः | श्रीमती सुषमाकुमारी |
27 | मिथिलाभाषाविद्योतने पाणिनिप्रभावः | श्रीगोतमकुमारराजहंसः |
28 | नागरिकतासंशोधन अधिनियम – 2019, एक विश्लेषण | डॉ रामनारायण ठाकुर |
29 | कालिदास साहित्य में चित्रित वात्सल्य | डॉ वत्सला |
30 | नैषधीयचरित महाकाव्य में वर्णित व्याकरणशास्त्रीय तत्त्व | डॉ श्यामबाबू |
31 | ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में हिमाचल प्रदेश की कहलूर रियासत की राजधानी सुन्हाणी | डॉ मुकेश शर्मा |
32 | सृष्टि की उत्पत्ति एवं उसक विकास क्रम – वैदिक वाङ्मय के सन्दर्भ में | डॉ उष्मा यादव |
33 | संघटित एवं असंघटित क्षेत्र में रोजगार सृजन की वर्तमान स्थिति | श्री रामप्रवेश |
34 | महाभारतकालीन समाज में भारतीय महिलाओं की स्थिति | डॉ नूरुल इस्लाम |
35 | भारतीय संस्कृति का आधार है संस्कृत | श्री ललितकुमार शर्मा |
36 | वेद मीमांसा | श्री कमलराज उपाध्याय |
37 | वर्तमानकाल में ज्योतिषशास्त्र की शिक्षण विधियॉ | श्री धीरज शर्मा |
38 | सृष्टि के न्यायाधीश देवताः वरुण | श्री राहुल |
39 | आयुर्वेदीय निघण्टुओं की उपयोगिता – एक समीक्षा | सुश्री स्वाती आर्य |
40 | आयुर्वेद का स्वरूप व परम्परा – एक विवेचन | सुश्री करुणा |
41 | देवतामूर्तियों के आयुध एवं उपकरणादि | डॉ आशिष कुमार चैधरी |
42 | मधुप जी के काव्य में अलंकार विवेचन | श्रीमती किरण मिश्रा |
43 | महाकविकालिदासस्य प्रकृतिचित्रणम् | डॉ जया प्रियदर्शिनी |
44 | संस्कृतसाहित्ये चारित्र्यविकासतत्त्वानि | चन्द्रिका |
45 | Methodology of textual criticism in Sanskrit Manuscripts : A study | Dr. Sachchidanand Snehi |
46 | Demystifying Yog Science’s Action – Outcome Levels outline for Workmen | Chaitanya C Ugale, Dr. Sanjay D Singh |
47 | Role of Happiness in Kant’s Moral Philosophy | Ajayant Katoch |
48 | Role of Media in Bridging the Gap between Scientists and Public for Environmental Awareness | Dr. Archana Katoch |
49 | Acharya Samkara on Self Inquiry : As an Instrument to the knowledge (with special reference to Aparoksanubhuti Text) | Dr. Kapil Gautam |
प्रकाशित शोध पत्रों का विवरण
क्र. | शीर्षक का नाम | लेखक का नाम |
---|---|---|
1 | आदिभट्लनारायणदासस्य कासीशतकस्य विश्लेषणात्मकमध्ययनम् | डॉ के वरलक्ष्मी |
2 | भट्टिकाव्यगतानामुदाहरणानामष्टाध्यायीक्रमानुसारितया संयोजनं विवेचनं च | मीनाक्षी |
3 | माघमहाकवेः नृपनीतिनैपुणी | डॉ राधावल्लभ शर्मा |
4 | स्वामीविवेकानन्दस्य भावनायाः श्रीमद्भगवद्गीतोपनिषद् भक्तितत्त्वञ्च | डॉ सुनीता वर्मन् |
5 | अच्सन्धिप्रकरणे स्थान्यादशप्रसङ्गः एका समीक्षा | डॉ प्रीतीलक्ष्मी स्वांई |
6 | शब्दार्थयोः सम्बन्धः | नितिन शर्मा |
7 | सूक्ष्मशिक्षणे संरचनावादस्य प्रभावः | जुम्मा कुण्डा |
8 | उत्तररामचरितनाटके सामाजिकोन्नत्युपायाः | अनुराधा |
9 | कौटिल्यस्य चिन्ताधारायां धर्मराजः धर्मश्च | छपिकुल मिञा |
10 | धर्मशास्त्रानुगुणं जनानां सामाजिकदायित्वबोधानांसमीक्षात्मकमध्ययनम् | जयन्तमण्डलः |
11 | वैयाकरणनिकाये दार्शनिकतत्त्वविवेचनम् | पिण्टु रावलः |
12 | श्रीमद्भगवद्गीतायां कर्मयोगे नीतिवचनम् | शान्तनु प्रधान |
13 | अपादानकारकविमर्शः | सुस्मिता साहु |
14 | शास्त्रसंरक्षणप्रक्रमाः | डॉ मनीशजुगरानः |
15 | क्वचिद् रत्यादेरपि संलक्ष्यक्रमव्यङग्यत्वम् | डॉ राजकुमार मिश्रः |
16 | कठोपनिषद् मे आत्मा-तत्व विवेचनम् | डॉ दीप लता |
17 | संस्कृत साहित्य में “किन्नर” शब्द का प्रयोगः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन | डॉ रणजीत कुमार |
18 | व्युत्पत्ति का शास्त्रीय स्वरुप | महासिंह सोढा |
19 | उदारीकरण और एफडीआई नीति में सुधारों का रोजगार सृजन पर प्रभाव | राम प्रवेश |
20 | वृष्ट्यभावे वृष्ट्याधिक्ये च ग्रहसंचारप्रभावविमर्शः | बैजयन्ती माला |
21 | वाल्मिकेः धर्मावधाराणायां सत्यस्वरुपम् | डॉ जतीन पुरखा |
22 | अभिनव महाकाव्य “मुक्त मधुप” | किरणा मिश्रा |
23 | संस्कृत-शास्त्रो में वर्णित याग के उपाङ्गो का विवेचनात्मक अध्ययन | चन्द्रिका |
24 | वैदिक विश्वबन्धुत्व | अंग्रेज |
25 | Role of ICT I promoting Higher Education and sustainable Development in India | Archna Katoch |
26 | Breaking the conolism in Arica- An Effort by Ngugi Wa Thiong’o | Dr.shamas UD Din Malik |
27 | Monarchy system of ancient india:a study of Manusmriti | Anjali kandu |
28 | Nature and natural elements as found in the Rigvedasamhita An approach | Dr. jagadish sarma,Dr. Archana Sharma |
List of accepted papers for publication in the 9th Volume of Vedavipasha – 2022
क्र. | शीर्षक का नाम | लेखक का नाम |
---|---|---|
1 | भागवतवैभवं श्रीभट्टिनाथभक्ताङ्घ्रिरेणुदिव्यसूर्योर्दिव्यचरितञ्च | डॉ बी केशवप्रपन्न पाण्डे |
2 | असंलक्ष्यक्रमध्वनेः वेशिष्ट्यम् | डॉ वी बालाजी |
3 | अनुबन्धपरिभाषापञ्चतयी | डॉ वैथी सुब्रमणियन् |
4 | भार्गवराघवीये महाकविरामभद्राचार्यस्य स्वाभिनवभाष्यनैपुण्यम् | डॉ लक्ष्मीकान्त षडङ्गी |
5 | कृष्णमित्रविरचिताप्रकाशितरत्नार्णवाख्यटीकायां वैयाकरणसिद्धान्तकौमुद्याः मङ्गलाचरणविषयकोऽभिनवो विचारः | राजेशचन्द्रः पोखरियाः |
6 | द्वितीयमिथ्यात्वलक्षणम् | के मनोज्ञा |
7 | प्रकृतिपुरुषयोः स्वरूपपर्यालोचने आरोपतत्त्वविमर्शः | डॉ निताई पाल |
8 | पुराणदृष्ट्या मोक्षस्वरूपविमर्शः | सौम्या. के |
9 | मुग्धबोधस्य अर्थवैशिष्ट्यम् | महेन्द्रः |
10 | अर्थवादवाक्यशेषयोः वैजात्यचिन्तनम् | डॉ श्रीराम |
11 | महायानसम्प्रदाये पारमितानां महत्त्वम् | डॉ प्रदीप कुमार द्विवेदी |
12 | वाचोविच्छित्तिपदार्थविचारः | मनोरमा |
13 | रीतिसिद्धान्तस्य विकासपरम्परा काव्यात्मत्वञ्च | डॉ सुधीर कुमार |
14 | मूल्याङ्कने मापने च प्रश्नानामुपादेयता | डॉ कृष्णानन्द दन्नन्ना |
15 | पण्डितदुर्गादत्तशास्त्रिणः कृतयः | अरुणदीपः |
16 | लक्षणाया वृत्तित्वावृत्तित्वविमर्शः | प्रलय नन्दी |
17 | वैदिकज्ञानपरम्परायाः सन्दर्भे वेदानां महत्त्वं स्वरूपं च | वेदप्रकाश आर्य |
18 | प्रारब्धकर्मविचारः | वेिपिनकुमारः |
19 | प्रवासीकाव्यस्य काव्यतत्त्वसमीक्षा | डां. के. वरलक्ष्मीः |
20 | वत्सापाकरणविचारपरिशीलनम् | डॉ आर सुब्रह्मण्य भिडे |
21 | प्राचीनभारतीयसंस्कृतव्याकरणपरम्परायां पाणिनीयव्याकरणस्य श्रेष्ठत्वम् | लक्ष्मीकान्त मुर्मु |
22 | रत्नावल्यां समाहितानां अलङ्काराणां विवेचनम् | देवेन्द्रप्रसादः |
23 | नारायणभट्टकृतप्रक्रियासर्वस्वे तद्धितखण्डस्य विशेषता | सोनाली साहा |
24 | संस्कृतशिक्षणे गृहकार्यस्य स्वरूपम् | डॉ सत्यदेवः |
25 | ज्योतिषशास्त्रे प्रतिपादितानाम् अन्तरिक्षोत्पातानां प्राणिनामुपरि प्रभावः। | वैजयन्ती माला |
क्र. | शीर्षक का नाम | लेखक का नाम |
---|---|---|
1 | Era of renaissance of carnatic music through compositions of Muthuswamy dikshitar | B Utpala Karnath |
2 | Environmental thinking in light of Vedic Literature | Prabir Sarkar |
3 | Tagore’s concept of Moksha | Nasiruddin |
4 | Effect of simplified kundalini Yoga on breathing ability among college students | Dr. C Vishwanathan |
5 | Breathing is the base of human life | Ashish.J |
6 | Similarities in the holistic approach in Yoga and Ayurveda | Dr. Adrish Brahmadatta, Dr. Dinesh Prasad Swain |
7 | effect of yogic practices with psycho neurobics on blood pressure (Systolic) & heat rate among Adolsent stressed girls | K J Sridevi |
8 | Sanskrit a Supra Language | Trivedi Kushagra |
9 | Extraneous representation in Ankiya Bhaone and the Vishnu Dharmottara Purana | Bhagyashree Sharma |
10 | prakriti and purusa in the light of Samkhya philosophy amd Ananda Sutram | Dr. Santosh Kumar Behra |
11 | Need and prospect of research scholar- utilization of library and information resources | Newton Kabiraj |
12 | overcoming skepsis : Kundalini as a Meshach to salvation. | Suriya K |
13 | Vedic literature echoed in monotheism and humanism | Dr. Somnath Das |
14 | Significance of Oshadhi Sukta of Rigveda – an overview | Sruthy N S |
15 | A pursuit of the servant leadership theory by Swami Vivekananda : A conceptual study | Saptrshi Ganguly |
16 | Spiritual Insights from Vedas, Upanishads, Puranas and Smritis: Towards a More Sustainable Paradigm | Dr. Prashant Dwivedi |
17 | The role of public library management and services | Rajadarshini Mekup |
18 | An overall analysis and views on corporate gorvenance theories | Krishangi Pandey, Dr. Feroz Hussain |
19 | Entrepreneurship and Skill Development Programmes: A study of Dharwad district, Karnataka | Shweta Maruti Hulkunda |
20 | Economic analysis of rice production in Raipur, Chattisgarh. | Dr. Satya Kishan |
21 | prelude of covid-19 on Agribusiness supply claim evidence from literature | K K Verma |
22 | status and growth of Area, Production and productivity of Apple fruit in Jammu and Kashmir | Ishfaq Ahmad Shah |
क्र. | शीर्षक का नाम | लेखक का नाम |
---|---|---|
1 | पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक चिन्तन का विश्लेषमात्मक अध्ययनः भारत के विकास के सन्दर्भ में | डॉ निशु कुमार |
2 | हिमाचल दर्शन नामक महाकाव्य में वर्णित प्रमुख जनश्रुतियों का वर्णन | शुभम् दीक्षित |
3 | कबीर का समाज दर्शन | कविता कुमारी |
4 | भारत में सतत विकास की आवश्यकता एवं रणनीति | रवीन्द्र कुमार, सुलेमान |
5 | श्राद्धविवेचन कौषीतकि गृह्यसूत्र के सन्दर्भ में | डॉ देशराज शर्मा |
6 | गणरत्नमहोदधि पर पूर्ववर्ति वैयाकरणों का प्रभाव | डॉ रामचन्द्र, सीमारानी |
7 | भारतीय ज्ञान परम्परा में स्वास्थ्य चेतना की व्यापकता | डॉ श्रुतिकान्त पाण्डेय |
8 | आधुनिक संस्कृत साहित्य में नवभाषीय प्रयोग | डॉ वत्सला |
9 | युवावर्ग में बढती नशावृत्ति ,ग्रहों का प्रभाव और मानवीय मूल्यों का ह्रास | डिम्पल |
10 | वैदिक शिक्षा दर्शन की तात्त्विक विवेचना | रजनीकान्त दीक्षित |
11 | छायावादी काव्य में प्रकृति | डॉ संजय कुमार मिश्र |
12 | वेदों में समान शिक्षा का अधिकार | डॉ प्रवीण कुमार |
13 | स्मृति : पातंजल योग सूत्र, मनोविज्ञान तथा तंत्रिका विज्ञान के सन्दर्भ में | चंचल सूर्यवंशी |